Wednesday, December 30, 2009

Purana sa ek Ghar

कल रात एक हल्के से
भूकंप के झटके ने
एक पुराने से घर की
बुनियाद हिला दी थी .

पडोसी परेशान थे
उस  घर की  नयी दरारों  को  देखकर
क्योंकि उनको फख्र था
घर के  पुराने डिजाईन  पर

लेकिन कुछ किया नही गया उस घर के लिए
सिवा फख्र जताने के ...
घर के मालिक उसे भूलकर
कहीं और शहर मैं बस चुके थे .

 न उस डिजाईन के घर बनाये गए ,
ना पुरखों के उस घर को संवारा गया...
और सुना है ...यह घर बड़ा खौफजदा रहता था
पड़ोस मैं पनप आये ईट के नए  घरों को देखकर

और...नए "एम. एल. ए" साहब ने तो -
अपने घर तक सीमेंटेड रोड बनवाने की जिद मैं
उस घर के बचपन का गवाह रहा
 एक मात्र पेड़ भी गिरा डाला था ....

लेकिन अफ़सोस ना था किसी को भी ..
सिवा कुछ छोटे बच्चों के
जो  खेल खेल मैं
उसके टूटे दरख्तों  से
भीतर चले जाया करते थे...

No comments:

Post a Comment