कुल्लू मनाली में देखा कि
कुछ पर्यटक, बर्फ की गेंदें बनाकर
आपस में मार रहे हैं।
सोचता हूँ कहाँ से चल पड़ा
उन्माद सरीखा यह फैशन ?
टूरिस्टों के लिए,
बड़ा आसान होता है
बर्फ की गेंदों को मारना,
शायद उनकी मोती ताज़ी
जैकेटों में ,
रूई के फाहे सा लगता हो
बर्फ की गेंदों का यह हमला।
लेकिन परेशानी है
राघुआ जैसों के लिए
जिनकी एक पतली सी पुरानी कमीज़
ऐसे किसी भी खेल से फट सकती है
और कड़ाके की ठण्ड साँसों को ठंडा कर सकती है।
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