धुप्प अँधेरे में
गिरती बिजलियों की रौशनी में
माचिस पा जाता कोई हाथ .
कमरे में सुबह सवेरे
पंख फड़फड़ाते मिलती
छिपकलियों के चंगुल से सही सलामत बच निकली एक तितली
भूखी कमजोर और आश्रयहीन
लेकि भीख मांग- मांग कर जी जाती
स्टेशन के चौराहे पर ,एक वृद्धा.
सालों साल किताबों से जूझता , तानों से टूटता
लेकिन अंततः एक दिन
अख़बार के एक कोने में नजर आ जाता एक सफल लड़का
'स्व' तक सीमित और दिखावे वाले महानगर में भी
बेहोशी आ जाने पर अपने सहयात्री को पानी दे देता
कोई अनजान शख्स .
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 16 जुलाई 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteThank You Madam.
Deleteअच्छाइयाँ अभी खत्म नहीं हुईं पूरी तरह ! सकारात्मक सोच को नई दिशा देती रचना ।
ReplyDeleteDhanyawad Madam.
DeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteसकारात्मकता को तलाशते सुन्दर चित्र पेश हुए हैं रचना में और बन गया एक यथार्थवादी शब्दचित्र। वाह ... लिखते रहिये।
ReplyDeleteसकारात्मकता को तलाशते सुन्दर चित्र पेश हुए हैं रचना में और बन गया एक यथार्थवादी शब्दचित्र। वाह ... लिखते रहिये।
ReplyDeleteThank You Ravindra sir.
Deleteनिमंत्रण पत्र :
ReplyDeleteमंज़िलें और भी हैं ,
आवश्यकता है केवल कारवां बनाने की। मेरा मक़सद है आपको हिंदी ब्लॉग जगत के उन रचनाकारों से परिचित करवाना जिनसे आप सभी अपरिचित अथवा उनकी रचनाओं तक आप सभी की पहुँच नहीं।
ये मेरा प्रयास निरंतर ज़ारी रहेगा ! इसी पावन उद्देश्य के साथ लोकतंत्र संवाद मंच आप सभी गणमान्य पाठकों व रचनाकारों का हृदय से स्वागत करता है नये -पुराने रचनाकारों का संगम 'विशेषांक' में सोमवार १५ जनवरी २०१८ को आप सभी सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद !"एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
निमंत्रण
ReplyDeleteविशेष : 'सोमवार' १६ अप्रैल २०१८ को 'लोकतंत्र' संवाद मंच अपने साप्ताहिक सोमवारीय अंक में ख्यातिप्राप्त वरिष्ठ प्रतिष्ठित साहित्यकार आदरणीया देवी नागरानी जी से आपका परिचय करवाने जा रहा है। अतः 'लोकतंत्र' संवाद मंच आप सभी का स्वागत करता है। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।