Thursday, September 16, 2010

Darwaje par ugi kuch ghasein

दरवाजे पर उगी कुछ घासें
बड़ी खौफजदा रहती थीं 
सफाईपसंद अपनी  मालकिन से
कि जाने कब उनको  उखाड़कर
वहां पर प्लास्टिक का गमला
रख लिया जाएगा

आखिर शहरों में
पौंधों का काम
घर आये मेहमान को
इम्प्रेस करना ही तो होता है

और यहाँ तो उनकी  वजह से
कीड़े मकोड़ों के  आने का खतरा
बना रहता था

यद्धपि कीड़े  मकोड़ों ने
शहर के इंसानों को भांप लिया था
इसलिए वो साँपों से दूर ही  रहते थे

लेकिन बेबस घासें करतीं क्या
उनकी इंसानों के आगे चली कब  है
 और अगले ही दिन
एक खूबसूरत सा गमला
प्लास्टिक के दो फूल लगा लाया

घासें फेंक दी गयीं
कुछ जानवरों ने अपनी पसंद की घासें चुनकर  खा लीं
और बची हुई गर्मी में मर गयीं....


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