टिक टिक टिक टिक
घडी का अलार्म
फिर बेवक्त जगायेगा,
कमबख्त...
घड़ी को कौन मनाये
रूठ जाती है
क्योंकि इसको
बेरुखी से बंद कर देता हूँ.
और आधा घंटा इसको
खिसकाकर
फिर से सोने चला जाता हूँ .
घडी का अलार्म
फिर बेवक्त जगायेगा,
कमबख्त...
घड़ी को कौन मनाये
रूठ जाती है
क्योंकि इसको
बेरुखी से बंद कर देता हूँ.
और आधा घंटा इसको
खिसकाकर
फिर से सोने चला जाता हूँ .
घड़ी को कौन मनाये???
ReplyDeletekuch wqat rah gaya hai wo din aane mein!
jab isko bhi nhi karni padegi
mashqat tumeh jagane mein!!
jab tum bechain rehte ho to
ye bhi asamarth rehti hai sone mein!!!
waqt jaya mat karo isse manane mein.
kyunki ye bhi bhut kar chuki hai tumeh manane mein!!!
Nice comment sim..
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