Thursday, September 3, 2020

सांठगांठ

 रातों रात 

जंगल में बन गए मकान 

सुबह पहुँच गए

अपना हिस्सा लेने भेड़िये

आंख मूंदने का  

तय हुआ वादा

इस तरह 

कागज़ पर आ गया जंगल 

और जंगल में आ बैठी  बस्ती 

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