सुबह सवेरे उठकर महानगरों मैं
लोग पार्कों मैं निकल जाते हैं
और झूठी हंसी की किलकारियां
आस पास गूंजने लगती हैं
तब अचानक किसी को
हंसी के दरमयां
याद आता है ...
ऑफिस का पेंडिंग काम
और वो जल्दी मैं अपने अपार्टमेंट्स की
और भागता है
पीछे से आवाज़ कोंध्ती है ...
"शर्मा जी आजकल वार्म अप को लेकर बड़े कांशस रहते हैं."
Tuesday, December 29, 2009
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