Tuesday, December 29, 2009

subah

सुबह सवेरे उठकर महानगरों मैं
लोग पार्कों मैं निकल जाते हैं
और झूठी हंसी की किलकारियां
 आस पास गूंजने लगती हैं
तब अचानक किसी को
हंसी के दरमयां
याद आता है ...
ऑफिस का पेंडिंग काम
और वो जल्दी मैं अपने अपार्टमेंट्स की
और भागता है
पीछे से आवाज़ कोंध्ती है ...
"शर्मा जी आजकल वार्म अप को लेकर बड़े कांशस रहते हैं."

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