साइकिल से तेज दौड़ा था वो,
लेकिन बदल दिया गया
खेल का नियम कानून .
नश्तर से तेज नाख़ून थे उसके
लेकिन झुका दिया गया
उसे तलवारों से घेरकर .
बर्फ सी साफ थी उसकी नियत
पर गला दिया गया था उसे
पैसों कि अंधी "लू" में
वो क्या करता ?
कब तक प्रतिरोध करता ?
झुकना तो था कभी
झुक गया अभी.
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