Sunday, January 31, 2010

Imandari

साइकिल से तेज दौड़ा था वो,
लेकिन बदल दिया गया
खेल का नियम कानून .

 नश्तर से तेज नाख़ून थे उसके
लेकिन झुका दिया गया
उसे तलवारों से घेरकर .

बर्फ सी  साफ थी उसकी नियत
पर गला  दिया गया  था उसे
पैसों कि अंधी "लू" में

वो क्या करता ?
कब तक प्रतिरोध करता ?
झुकना तो  था कभी
झुक गया अभी.
 

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