पतंग के पीछे
बदहवास से भागते कुछ बच्चे
मेरी साइकिल से टकराते टकराते बचे
..मैंने सोचा
आठ आने की पतंग
के लिए ये बच्चे.......
लेकिन मैं गलत था .
बात चार आने या आठ आने की नही थी .
बात थी, उस "जीत" की ख़ुशी की-
जो बच्चों को होती थी,
कटी पतंग को लूटने मैं .
और उनको पता था कि उम्र मैं बड़े लोग,
साइकिल और स्कूटर आहिस्ता चलाते हैं .
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wah wah, wah wah........
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